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नागाला के पास कार रोक कर 90 हजार की लुट

मुल/ नासीर खान:-मुल चंद्रपुर के बिच नागाला ग्राम के पास एक व्यापारी के साथ मारपिट और 70 हजार नगद और दो मोबाईल 20 हजार कुल 90 हज़ार की लुट का मामला. घटना 04.08.2024 रात 10.15 बजे की, पुलीस में रिपोर्ट 06.08. 2024 को हुई. मामला जांच के लिए सहा. फौजदार मेश्राम के तरफ दिया गया है रिपोर्ट पर कुछ आरोपी गिरफ्तार तो कुछ फरार होने की जानकारी प्राप्त हुई है.
90 thousand rupees looted after stopping the car near Janala
फिर्यादी पंकज सुरेश जुमडे निवासी मुल व्यवसाय किराणा दुकान. रिपोर्ट के अनुसार वह विवेक वसंत खोबरागडे निवासी मुल की स्विफ्ट क्र.M.H.36 h 5236 से कागज़नगर किराणा लाने गया था साथ मे उसका मित्र सागर विनोद रामटेके निवासी बोरचांदली ऐसे तिन लोग थे.विवेक यह कार चला रहा था. फिरयादी पंकज के अनुसार कागज़नगर में किराणा सस्ता मिलता है. रिपोर्ट के अनुसार कागज़ नगर की दुकान बंद होने से वह वापस लौट गये.और ईन तिनों ने चंद्रपुर की स्वाद नामी होटल मे करीब 9.30 बजे नाश्ता भी किया. बाद मे वह चंद्रपुर से मुल के लिए निकले नागाला फाटे पर पिछे से एक सफेद रंग की अर्टिंगा कार उनकी के आगे आकर आडी हो गयी.उसमें सके उतरे तोहीद और उसके साथीयों ने मार पिट कर नगद 70 ह हज़ार और दो मोबाईल पंकज के छीन लिए गये .
ईस प्रकार की रिपोर्ट को लेकर यहां अनेको सवाल चर्चा में उभरने लगे है. कहा जा रहा है के मुल या चंद्रपुर का कोई व्यपारी तेलंगाना के कागज़नगर से किराणा नही बुलाता अथवा कोई भी ब्यापारी कागज़नगर या तेलंगाना से किराणा नही लाता. आज तक किसी ब्यापारी ने कार मे किराणा लाया है या लाता है यह सुनने मे नही आया. रिपोर्ट के अनुसार कागजनगर की वह दुकान बंद थी ईसलिए बिना कुछ खरेदी किए लौट आया, क्या ईतने बडे कागज़नगर मे केवल वह एकमेव होलसेल किराणा दुकान थी. अब जनता के बिच सवाल उठ रहा है के क्या सही में वह किराणा लाने गया था या कुछ और. जिस कार से पंकज कागज़नगर गया था वह कार उसकी अपनी नही थी और ना ही कार चला रहे चालक विवेक की थी. दुसरा यह के किराणा लेने कोई भी ब्यापारी नगद लेकर नही जाता.ब्यापारियों का हर आर्थिक व्यवहार आन लाईन होता है या फिर चेक से होता है. पानी बाटल भी लोग आन लाईन खरेदी करते है. आज के दौर मे व्यवसायिक व्यवहार अधिकांश आनलाईन ही होता है या फीर चेक से होता है.
जानकारी के अनुसार जिस स्विफ्ट कार से पंकज कागजनगर गया था वह कार चालक विवेक खोबरागडे की नही थी वह कार आरोपीयो बता कर अटक किए गये शोएब वाजिद खान की थी. ईस कार को चालक विवेक खोब्रागडे वडसा की बुकींग बता कर ले गया था लेकीन वडसा नही गया बल्की फिर्यादी पं आज और उसके मित्र को लेकर काग़जनगर गया था. शोएब खान की यह कार बुकींग पर चलती है जिसे चालक विवेक चलाता रहा है. शायद ईससे पहले भी चालक कहीं और की बुकींग बता कर पंकज को कागज़नगर ले जाता रहा है और पंकज उसी कार से कागज़नगर आता जाता रहा है. चर्चा है के फिर्यादी पंकज प्रतिबंधित सुगंधित तम्बाकु गुटखा आदी कागजनगर से लाता रहा है.कार वडसा के बजाय कागज़नगर गयी ईसकी खबर शोएब को नही थी.
घटना से कुछ घंटे पहले शोएब पठाण को एक काल आया था के तुम्हारी श्विफ्ट कहां है तब शोएब ने कहा था के वह तो वडसा बुकींग पर गयी है तब सामने से काल करने वाले ने कहा के तुम्हारी कार तो कागजनगर गयी थी उसमे माजा तंबाकु आ रहा हैं. कहा जा रहा है के काल करने वाला कोई और नही तौहीद था जिसने पंकज की कार का चंद्रपुर से पिछा कर नागाला फाटे के पास अटैक किया था उसके साथ उसके अन्य साथी भी थे.कहा जाता है की तोहीद पर पहले मामले दर्ज है..यहां शोएब को तोहीद का काल बता रहा है के तुम्हारी श्विफ्ट गाडी मे प्रतिबंधीत माजा तंबाकु आरहा है जिसके अनुसार लुट 70 हजा़र नगद की हुई लुट यह असंभव जान पडती है कार मे रहा माजा तंबाकु और अन्य प्रतिबंधीत सामान जिसकी किमत हजा़रो में हो सकती है लुट लिया गया और चंद्रपुर से पिछा करती आई कार में लाद कर ले जाया जाना भी असंभव नही हैं.
‌‌ चालक विवेक खोब्रगडे द्वारा वडसा की बुकींग बताकर कागजनगर गाडी लेकर चला जाना वह भी तंबाकु के लिए शोएब पठाण के बर्दाश्त के बाहर था वह भी अपने चेरे भाई नौशाद तथा अन्य सहयोगीयों के साथ एक कार मे मुल से चंद्रपुर की ओर श्विफ्ट कार की तलाश में निकल पडा. उसे रास्ते में नागाला के पास अपनी गाडी नज़र आई शोएब ने वहां अपनी स्विफ्ट के चालक से उसे मालुम पडा के तोहीद कार का पिछा करते हुए आया था और कार मे तंबाकु माजा की बोरीयां अपनी गाडी में डालकर ले गया. शोएब अपनी गाडी लेकर मुल आ गया और गांधी चौक मे पंकज और उसके दोस्त और चालक विवेक को उतारकर अपने घर चला गया.
70 हज़ार और दो मोबाईल के लुटने तथा मारपिट की दो दिन बाद पुलीस में पंकज द्वारा दी गयी रिपोर्ट मे सच कितना और झुठ कितना यह ढुंड निकालने के लिए पुलीस अधिक्षक ममोका को जांच के लिए यह मामला चंद्रपूर के किसी विशेष अधिकारी को सौंपना होगा ताकी मामले की सच्चाई सामने आ सके और जनता को उनके सवालों के जवाब मिल सके.जन चर्चा मे पंकज द्वारा दि गयी रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान लगने लगे है जिसमे सच की चाबी फिरयादी पंकज के साथ गये कार चालक विवेक खोब्रागडे निवासी मूल तथा उसके साथ गये मित्र सागर विनोद रामटेके निवासी बोरचांदली के पास होना निश्चित है, झुठ पर लगा ताला ईन्ही दो चाबीयों से खुल सकता है और पुलीस को 90 हजार छीन लिए जाने की झुठी रिपोर्ट देने के आरोप मे फिर्यादी पंकज और चालक विवेक पर कारवाई करना पड सकता है.
फिलहाल फिर्यादी पंकज की रिपोर्ट पर 311 के तहत आरोपीयों को अटक कर कोर्ट मे पेश किया गया है जहां से आरोपियों को शुक्रवार को एम सी आर में जेल भेजा गया हैं.फरार आरोपियों की तलाश मुल पुलीस कर रही है सच सामने आना बाकी है.
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About The Chandrapur Times

यह पोर्टल संपादक, मालिक, प्रकाशक राजेश सनमाहेन सोलापनद्वारा कार्यालय साप्ताहिक दि चंद्रपुर टाइम्स, आक्केवार वाडी, वॉर्ड नं. १, चंद्रपुर, से प्रकाशित किया गया है । प्रकाशित किसी भी लेखन सामग्री पर संपादक सहमत ही हो यह आवश्यक नही । प्रकाशित कि सी भी लेखनपर आपत्ती हाने पर उनका निस्तारण सूचना प्रौद्योगिकी (प्लेटफ़ॉर्म दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) विनियम 2021 के तहत किया जायेगा ।

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