चंद्रपुर :-घुग्घुस शहर के राजीव रतन चौक परिसर में नए पुल के निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना ना हो इसलिए इस मार्ग से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी।जिसके कारण भारी वाहनों को 70 से 80 किलोमीटर का चक्कर काट कर आना पड़ रहा था। इस समस्या का निवारण करने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रविंद्र परदेसी ने 21 दिसंबर 2023 से 30 जून तक इस मार्ग से केवल रात 12 से 4 बजे तक ही भारी वाहनों को परिवहन करने की अनुमति दी गई थी।परंतु पुलिस अधीक्षक का आदेश अब केवल ट्रैफिक इंचार्ज के लिए अवैध वसूली का मार्ग बन गया है।
Before the order of the Superintendent of Police, the traffic in-charge extended the duration of the restricted area
ट्रैफिक इंचार्ज द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश के पूर्व ही कई ट्रांसपोर्टर को 31 दिसंबर तक सीमा बढ़ाने की बात कह कर अवैध वसूली की जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि ट्रैफिक इंचार्ज को सख्त आदेश के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी तब चंद्रपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र से परिवहन कर रहे 20 ट्रकों पर कार्रवाई की गई थी। जबकि उसी दिन घुग्घुस पुलिस निरीक्षक ने ट्रैफिक इंचार्ज को एक भी ट्रक प्रतिबंधित क्षेत्र से परिवहन नहीं करने देने का सक्त आदेश दिया था।ट्रैफिक इंचार्ज की इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद भी ना ही पुलिस निरीक्षक और ना ही उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने के कारण सभी की मिली भगत और उनके कार्य प्रणाली पर ही नागरिकों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।आखिर क्यों पूर्व पुलिस निरीक्षक बबन पुसाटे द्वारा अनेक शिकायतों के बाद ट्रैफिक से निकल गए पुलिस कर्मचारियों को ही ट्रैफिक इंचार्ज बनाया गया। इस पुलिस कर्मी पर वरिष्ठ अधिकारी इतने महेरबान क्यू ? कहीं ट्रैफिक इंचार्ज बनाने के लिए भी उच्च अधिकारियों द्वारा आर्थिक लेनदेन तोह नही होनेका प्रश्न अब नागरिकों द्वारा निर्माण किया जा रहा है।
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