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खुलेआम चल रहा सट्‌टे का कारोबार सब जानकर भी पुलिस बनी अनजान?

सादिक थैम वरोरा:-कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्‌टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। वरोरा सटोरियों का हेडक्वार्टर बन चुका है शुद्धिकरण अभियान पोल खोलता हुआ जिससे सटोरियों के मन में पुलिस का कोई खौफ नहीं है? जिस तरह वरोरा क्षेत्र में गली मोहल्ले में ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।

Gambling business is going on openly, yet police pretends to be unaware despite knowing everything?
सूत्रों की मानें तो वर्तमान समय में शहर के कई इलाकों में सट्टे का कारोबार खूब जमकर परवान चढ रहा है। जिसके चलते सट्टा खाईवाल की तादात बढ़ती जा रही है। पुलिस अधिकारियों की अनदेखी से शहर में युवा पीढ़ी भी सट्टा बाजार में खाईवाल द्वारा दिखाएं जाने वाले रंगीन सपनों के जाल में फंसते जा रहे। नतीजा यह होता है कि जुआ ओर सट्टे के परिणाम को जानकर भी इस गलत लत में बड़े दलालो के जाल में फस जाते है, जिसके कारण कई घर परिवार बनने से पहले बिगड़ जाते है।प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर मे सट्टे के बड़े दलाल क्षेत्र में अपनी नींव जमाकर लंबे समय से सट्टा बाजार में अपना जाल फैलाते जा रहे हैं। खासकर रेलवे स्टेशन परिसर, बोर्डा चौक, साईं मंगल कार्यालय चौक, माढेली नाका, शिवाजी वार्ड, सदभाव चौक, गांधी चौक, कामगार चौक, नेहरू चौक, चिकन मार्केट, सब्ज़ी मंडी परिसर, काॅलरी वार्ड, मिलन चौक, अनाज लाईन में आदि जगहों बेखौफ होकर आदि इलाकों में लंबे समय से सट्टा के खाईवाल ओर दलालो के जमावड़े लगे रहते है। इन इलाकों में बड़े पैमाने पर जुआ व सट्टा का खेल जोरो पर चलने के कारण कई बड़े बुकी अपना जाल फैला कर धड़ल्ले से काम कर रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम शहर में संचालित हो रहा है. पुलिस और खाईवालों की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये खाईवाल अपने गुर्गों के नाम हर महीने एक-एक प्रकरण बनवा देते हैं. ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है. जबकि वास्तव में ये सांठगांठ का एक पहलू होता है. बड़ा सवाल ये है कि जब पुलिस हर महीने सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर खाईवालों तक क्यों नहीं पहुंच पाती है.

रेलवे स्टेशन परिसर मे बडे पैमाने पर सट्टा व्यवसाय संचालित किया जा रहा है सट्टा खायवाल चार शिफ्टों में अलग-अलग बेखौफ सैकड़ों कीसंख्या से करीब में बड़े पैमाने पर सट्टे का व्यवसाय संचालित किया जा रहा है। यह नजारा हर दिन क्षेत्र के व्यापारी और अन्य लोग अपनी आंखों से देखकर वीडियो भी बना रहे है, लेकिन यहां से जाने वाले पुलिसकर्मियों की आंख उस समय बंद हो जाती है कारोबार का अंदाजा इस बात से तादाद में लोगों का हुजुम जमा कर व्यवसाय का संचालन कर रहा है। इस क्षेत्र से थाना क्षेत्र की दूरी भी महज 250 मीटर है। इसके बावजूद कारोबार पर आज तक किसी ने हाथ नहीं डाला
पुलिस सट्टे के खिलाफ सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करती

शहर पुलिस सट्टे के खिलाफ सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करती है। सौ से डेढ सौ रुपए मात्र के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर खाना पूर्ति करती है। लेकिन बड़े खाईवालों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच रहें हैं, जबकि बड़े रसूखदार जुआ व सट्टे व दलालो पर पुलिस की नजर नही पड़ती है। या पुलिस सब जान कर भी अंजान बनती है जिसके कारण चारो ओर सट्टे का करोबार बढ रहा है। शहर में कई बड़े सटोरिये लगातार सक्रिय है।
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About The Chandrapur Times

यह पोर्टल संपादक, मालिक, प्रकाशक राजेश सनमाहेन सोलापनद्वारा कार्यालय साप्ताहिक दि चंद्रपुर टाइम्स, आक्केवार वाडी, वॉर्ड नं. १, चंद्रपुर, से प्रकाशित किया गया है । प्रकाशित किसी भी लेखन सामग्री पर संपादक सहमत ही हो यह आवश्यक नही । प्रकाशित कि सी भी लेखनपर आपत्ती हाने पर उनका निस्तारण सूचना प्रौद्योगिकी (प्लेटफ़ॉर्म दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) विनियम 2021 के तहत किया जायेगा ।

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