घुग्घुस :-घुग्घुस एक औद्योगिक शहर होने के कारण जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर के नाम से जाना जाता है।घुग्घुस के निवासी प्रदूषण के कारण अनेकों बीमारियों से ग्रस्त है। हर घर में कम से कम एक सदस्य किसी ना किसी गंभीर बीमारी से समस्या से गुजरना पड़ रहा है।घुग्घुस में कई उद्योग होने के बावजूद भी बेरोजगारी के कारण लोग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इन कंपनी में ज्यादातर लोग बाहरी राज्य के होते हैं।बाहरी लोगों को आसानी से दबाकर मन माना काम कराया जा सकता है।बाहरी लोगों को किसी का समर्थन नही होने के कारण वो भी चुप चाप अपना काम करते है।अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो भी जाए तो उसे रफा दफा कर मामले को दबा दिया जाता है।ऐसा ही एक हादसा शनिवार 8 जनवरी को शाम 5 बजे के दरमियान घटी जिसमे चंद्रपुर घुग्घुस मार्ग पर स्थित अंतुरला गांव परिसर में मौजूद स्नेहा फूड एंड फीड्स प्राइवेट लिमिटेड ऑयल रिफायनरी नमक उद्योग में हरगुन कुमार सैनी नामक 30 वर्षीय बिहार राज्य निवासी की मौत हो गई है। सूत्रों के अनुसार हरगुन कुमार हमाली का कार्य सहानी ठेकेदार के पास करता था। ठेकेदार का काम कंपनी में माल की लोडिंग अनलोडिंग का है। हरमन जब काम कर रहा था तो अचानक इलेक्ट्रॉनिक करंट के संपर्क में आने से उसकी मौत होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। करंट लगने के बाद उसे कंपनी प्रबंधन की ओर से चंद्रपुर के जिला अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित किया गया। रविवार 9 जनवरी की सुबह उसका पोस्टमार्टम किया गया। कंपनी प्रबंधन द्वारा इस हादसे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस हादसे को वह अपने आप को बचाने का प्रयास कर रही है। कंपनी द्वारा हरगुन को चक्कर आने हार्टअटैक आने के बात कुछ लोगों को बताने की बात सामने आ रही है।कंपनी में जहां यह हादसा हुआ है वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उसकी जांच कर सच के सामने लाने की मांग नागरिकों व मजदूरों द्वारा की जा रही है। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द जांच कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे हरिगुन को उचित न्याय मिले।
अगर ये हादसा किसी स्थानिक कर्मचारि के साथ होता तो इस हादसे को गंभीरता से भी लेती ओर मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा भी देती थे
स्नेहा के अधिकारी नॉटरिचेबल स्नेहा फूड एंड फीड्स प्राइवेट लिमिटेड (ऑइल रिफाइनरी) नामक उद्योग में करंट से मौत होने की इतनी बड़ी वारदात के घटित होने के बाद जिस सजगता से इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिये था, उस तरह से कंपनी के प्रबंधन की ओर से दखल नहीं लिया गया। रविवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद कंपनी के जिम्मेदारी अधिकारियों की ओर से मृतक हरगुन का शव लेकर उसका तय रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करने के लिये शव को कब्जे में नहीं लिया गया। सुबह से शाम ढलने को है, लेकिन स्नेहा के अधिकारी नदारद है। इस गंभीर मामले में तत्काल जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई करने की मांग परिसर के नागरिकों और मजदूरों द्वारा की जा रही है।
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